Friday, October 26, 2007

Together...

When the days are dark, 'n' the nights are long
You give me strength to carry on
You give me light, you bring me luck




let it be cold, let there be ice
I know I'll find it nice
... and warm, 'coz
I would be in your Arms.

Sunday, October 21, 2007

बस आप हैं

कहकहों मैं साथ देने वाले तो हैं सैकड़ों,
पर जिसे आँसू दिखा सकता हूँ वो
बस आप हैं

दौड़ता हूँ उम्र भर से मैं बिना मंजिल मगर,
जहाँ रुकना चाहा वो शज़र,
बस आप हैं

धुप से झुलसे हुए दागों भरे एक जिस्म पर,
जिसने था चंदन लगाया, आप हैं

दीख भी पड़ती नहीं जिनसे अब धुंधली डगर,
बुझती सी उन आंखों के अब,
नूर-ए-नज़र बस आप हैं

दर्द से रिस्ते हुए हर एक ज़ख्म कि दवा,
जोड कर हाथों को मांगी गयी हर एक दुआ, बस आप हैं

खूबसूरत तो बहुत है कायनात सब मगर,
रूह को दे जो सुकून वो तसवुर, आप हैं

थक के चूर हो चुके हर कदम को खींच कर, आगे बढाती जो हवा
ख्वाब हर धड़कन का और हर सांस की है जो रजा
वो आप हैं , बस आप हैं

वो आप हैं ..........
............................................शेखर

Saturday, October 20, 2007

" ? "

अब भी याद मुझे है तेरा पहली बार बुलाना मुज्को

साथ बिताया मीठा हर पल, कड़वाहट वो तन्हाई की

अपना वो पहला मीठा झगडा, पहली बार वो रोना तेरा
और फिर लेना मुझसे वादा, छोड़ नहीं तुम मुझको जाना

करते रहना घंटों बातें या संग संग चुप बैठे रहना
वो तेरी पलकों का झुकना, या तारों को देखा करना

वो अपना हँसना बे मतलब या फिर रोना झूठे गम में
हिस्सा आधा आधा करना हो छाहे ज्यादा, या कम में

वो तेरा बतलाना मुझको की में ही हूँ प्यार तुम्हारा
और खुदाई में है सबसे प्यारा रिश्ता हमारा

अब भी याद मुझे है, अब भी याद मुझे है


याद मगर है फिर क्यों आता बिना बाए जाना तेरा
मान नहीं क्यों दिल ये जाता झूठा था हर वादा तेरा

दर्द है कहता चीख चीख कर बेहतर होगा तुझे भुलाना,
पर जाने क्यों, भूल नहीं में पता
क्यों भूल नहीं में जाता


क्यों?
अब भी याद मुझे है, क्यों अब भी याद मुझे है
पर अब भी यद् मुझे है