वो मेरा रेत का घर जाने क्यों बिखर गया ?
पानी के धारों से वो कैसे जल गया ?
बहुत खूबसूरत थे मिटटी के गहने, वो पत्थर के मोती,
वो सीपों के सिक्के, वो झूठे खिलोने,
अँधेरे में चमकते जुगनू, जैसे तारे सलोने
क्यों कोई सच के उजाले? ज़िंदगी में भर गया
वो मेरा रेत का घर जाने क्यों बिखर गया ?
करूं मैं क्या बता दे आज आकर, कोई तो मुझको
मेरी किस्मत का लेखा और मेरा कल, पल में एक बदल गया
वो मेरा रेत का घर जाने क्यों बिखर गया?
नहीं दुश्मन रहा कोई, न कोई दोस्त दिखता है
आकर देखो कोई तनहा भरी महफिल में कर गया
वो मेरा रेत का घर जाने क्यों बिखर गया ?
मैं जब भी याद् करता हूँ, हसीं बीते ज़माने को
मेरे ख़्वाबों के उस बिखरे हुए, आशियाने को
मुझे तुम याद आते हो वहीं झूले पर बैठे से नदीकेपास उस तनहा बडे पत्थर पर लेटे से
कभी तुम मुस्कुराते हो यादों के झरोखे से
कभी मुझको सताते हो नमी ला अपने चेहरे पे
अभी तक हैं तेरे आंसू मेरी पलकों पे ठहरे से
अभी भी गूंजा करती है तेरी आहट अँधेरे में
अभी तक देख अंकित है, तेरा चुम्बन मेरे मस्तक
अभी तक देख सुनती हैं मुझे तेरी गरमसांसें
तेरी महक से रोशन है मेरा घर बिन चरागों के
Wednesday, November 21, 2007
Sunday, November 4, 2007
What Would The Life Be Without You ... ?
What would be the AIR,
if it does not bring me the smell of your Hair
To face Gravity would be too much,
if the aching body does not have sense of your touch.
World wouldn't so beautiful,
If the lips of mine lack the taste of yours
You are the one who completes me,
Brings me life,luck & articulates me.
Remember each time you doubt me,
I have 'n' questions about me.
Am I not worthy your trust?
Or you think i don't mean my words?
I can't take eyes off you if you are around.
The happiest news in the world is, your being sound.
Your voice is the music, most beautiful yet made
Spent with you are the moments, I wish would never fade.
................................................................................... shekhar
if it does not bring me the smell of your Hair
To face Gravity would be too much,
if the aching body does not have sense of your touch.
World wouldn't so beautiful,
If the lips of mine lack the taste of yours
You are the one who completes me,
Brings me life,luck & articulates me.
Remember each time you doubt me,
I have 'n' questions about me.
Am I not worthy your trust?
Or you think i don't mean my words?
I can't take eyes off you if you are around.
The happiest news in the world is, your being sound.
Your voice is the music, most beautiful yet made
Spent with you are the moments, I wish would never fade.
................................................................................... shekhar
मेरी यह कहानी ....
मेरी यह कहानी तुम क्या करोगे सुन कर
बिखरे हुए पड़े इस शीशे के टुकड़े चुन कर
शायद नहीं मिलेंगे मेरे निशान वहाँ तक
जो सोच कर चला था जाना था जिस जहाँ तक
याद भी मुझको नहीं अब तो वो धुंधली डगर
आती थी मुझको लेकर जो तेरे यहाँ तक
एक राह के सिरे से एक राह नयी जुड़कर
लाती गयी मुझे इस मोड़ तक यहाँ तक
वो दरख्त अब तक शायद वहीं खडा है
जिस पर कभी लिखा था नाम मैंने तेरा
पर मार मौसमों की वो कब तलक सहेगा
पर मार मौसमों की वो कब तलक सहेगा
जब रूह मर चुकी है तो जिस्म क्या चलेगा.
बिखरे हुए पड़े इस शीशे के टुकड़े चुन कर
शायद नहीं मिलेंगे मेरे निशान वहाँ तक
जो सोच कर चला था जाना था जिस जहाँ तक
याद भी मुझको नहीं अब तो वो धुंधली डगर
आती थी मुझको लेकर जो तेरे यहाँ तक
एक राह के सिरे से एक राह नयी जुड़कर
लाती गयी मुझे इस मोड़ तक यहाँ तक
वो दरख्त अब तक शायद वहीं खडा है
जिस पर कभी लिखा था नाम मैंने तेरा
पर मार मौसमों की वो कब तलक सहेगा
पर मार मौसमों की वो कब तलक सहेगा
जब रूह मर चुकी है तो जिस्म क्या चलेगा.
Thursday, November 1, 2007
Please Come ...
Friday, October 26, 2007
Together...
When the days are dark, 'n' the nights are long
You give me strength to carry on
You give me light, you bring me luck
You give me strength to carry on
You give me light, you bring me luck
let it be cold, let there be ice
I know I'll find it nice
... and warm, 'coz
I would be in your Arms.
I know I'll find it nice
... and warm, 'coz
I would be in your Arms.
Sunday, October 21, 2007
बस आप हैं
कहकहों मैं साथ देने वाले तो हैं सैकड़ों,
पर जिसे आँसू दिखा सकता हूँ वो
बस आप हैं
दौड़ता हूँ उम्र भर से मैं बिना मंजिल मगर,
जहाँ रुकना चाहा वो शज़र,
पर जिसे आँसू दिखा सकता हूँ वो
बस आप हैं
दौड़ता हूँ उम्र भर से मैं बिना मंजिल मगर,
जहाँ रुकना चाहा वो शज़र,
बस आप हैं
धुप से झुलसे हुए दागों भरे एक जिस्म पर,
धुप से झुलसे हुए दागों भरे एक जिस्म पर,
जिसने था चंदन लगाया, आप हैं
दीख भी पड़ती नहीं जिनसे अब धुंधली डगर,
बुझती सी उन आंखों के अब,
नूर-ए-नज़र बस आप हैं
दर्द से रिस्ते हुए हर एक ज़ख्म कि दवा,
दर्द से रिस्ते हुए हर एक ज़ख्म कि दवा,
जोड कर हाथों को मांगी गयी हर एक दुआ, बस आप हैं
खूबसूरत तो बहुत है कायनात सब मगर,
रूह को दे जो सुकून वो तसवुर, आप हैं
थक के चूर हो चुके हर कदम को खींच कर, आगे बढाती जो हवा
थक के चूर हो चुके हर कदम को खींच कर, आगे बढाती जो हवा
ख्वाब हर धड़कन का और हर सांस की है जो रजा
वो आप हैं , बस आप हैं
वो आप हैं ..........
............................................शेखर
Saturday, October 20, 2007
" ? "
अब भी याद मुझे है तेरा पहली बार बुलाना मुज्को
साथ बिताया मीठा हर पल, कड़वाहट वो तन्हाई की
अपना वो पहला मीठा झगडा, पहली बार वो रोना तेरा
और फिर लेना मुझसे वादा, छोड़ नहीं तुम मुझको जाना
करते रहना घंटों बातें या संग संग चुप बैठे रहना
वो तेरी पलकों का झुकना, या तारों को देखा करना
वो अपना हँसना बे मतलब या फिर रोना झूठे गम में
हिस्सा आधा आधा करना हो छाहे ज्यादा, या कम में
वो तेरा बतलाना मुझको की में ही हूँ प्यार तुम्हारा
और खुदाई में है सबसे प्यारा रिश्ता हमारा
अब भी याद मुझे है, अब भी याद मुझे है
याद मगर है फिर क्यों आता बिना बाए जाना तेरा
मान नहीं क्यों दिल ये जाता झूठा था हर वादा तेरा
दर्द है कहता चीख चीख कर बेहतर होगा तुझे भुलाना,
पर न जाने क्यों, भूल नहीं में पता
क्यों भूल नहीं में जाता
क्यों?
अब भी याद मुझे है, क्यों अब भी याद मुझे है
पर अब भी यद् मुझे है
साथ बिताया मीठा हर पल, कड़वाहट वो तन्हाई की
अपना वो पहला मीठा झगडा, पहली बार वो रोना तेरा
और फिर लेना मुझसे वादा, छोड़ नहीं तुम मुझको जाना
करते रहना घंटों बातें या संग संग चुप बैठे रहना
वो तेरी पलकों का झुकना, या तारों को देखा करना
वो अपना हँसना बे मतलब या फिर रोना झूठे गम में
हिस्सा आधा आधा करना हो छाहे ज्यादा, या कम में
वो तेरा बतलाना मुझको की में ही हूँ प्यार तुम्हारा
और खुदाई में है सबसे प्यारा रिश्ता हमारा
अब भी याद मुझे है, अब भी याद मुझे है
याद मगर है फिर क्यों आता बिना बाए जाना तेरा
मान नहीं क्यों दिल ये जाता झूठा था हर वादा तेरा
दर्द है कहता चीख चीख कर बेहतर होगा तुझे भुलाना,
पर न जाने क्यों, भूल नहीं में पता
क्यों भूल नहीं में जाता
क्यों?
अब भी याद मुझे है, क्यों अब भी याद मुझे है
पर अब भी यद् मुझे है
Sunday, August 26, 2007
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