Wednesday, February 13, 2008

तुम ?

मेरी जिद, मेरा जूनून
मेरी खुशी, मेरा सुकून
मेरा सफर,मेरी मंजिल,
मेरा साथी, मेरा हमसफ़र .... तुम

मेरी कविता, मेरे शब्द
मेरे छंद, मेरी ज़िंदगी के रंग
मेरी धड़कन, मेरी साँस
मेरी तड़पन, मेरी प्यास
मेरी तृप्ति .... तुम

मेरे शब्द, मेरी बात
मेरी रूह, मेरा अहसास
मेरा कल, मेरा आज, मेरा पल पल
तुम
मेरा प्यार..
...सिर्फ़ ' तुम '

.............................तुम्हारा " मैं "

Monday, February 11, 2008

तेरा साथ

जब लड़ती रही दुनिया, मैं नशे में चूर था
सब बोले देखो पागल को, आडा तिरछा चलता है
और मैं उन पर हँसता था यह तेरे नाम का सुरूर था

अब मैं जैसे उड़ता हूँ, कैसे यह सर मगरूर है
यह मेरा अंहकार नहीं, मेरे हाथ में थमे
तेरे हाथ का कसूर है
............ तुम्हारा " मैं "

जब भी लेता है वो मेरा नाम

जब भी लेता है वो मेरा नाम , कुछ हो जाता है
लेकर मीठा सा दर्द , दिल कहीं खो जाता है

होंठो पर मुस्कान आती है मेरे, पर समझ मैं कुछ ना आता है
बस एक मीठा सा दर्द लिए, दिल कहीं खो जाता है

जब भी लेता है वो मेरा नाम, कुछ हो जाता है

...... तुम्हारी " मैं ".